मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



जान सके तो

चेतन आत्मोवाच 14 :-

जान सके तो खुद को जान, मोह बंधन दे तू तोड़ l
तुझे प्रेम बंधन बांध लेगा, मनः मायावी घडा दे तू फोड़ ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"

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