मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



चेतना

सेवा जो कर न सके
वह तन है किस काम का
नाम जो जाप न सके
वह मन है किस काम का
कार्य जो सिद्ध कर न सके
वह धन है किस काम का
सन्मार्ग जो दिखा न सके
वह ज्ञान है किस काम का
जीवनरस जो भर न सके
वह धर्म है किस काम का
मानवसृजन जो कर न सके
वह दाम्पत्य है किस काम का


चेतन कौशल "नूरपुरी"

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