मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



खुद को ढाल

चेतन आत्मोवाच 47:-

सुहागा सत्य है, आग अहिंसा, सोना शरीर तपा ले l
सांचे में खुद को ढाल, मनः मानव जीवन संवार ले ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *