मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



आचार्य चाणक्य

 

हारना तब आवश्यक हो जाता है जब लड़ाई अपनों से हो और जीतना तब आवश्यक हो जाता है जब लड़ाई अपने आप से हो।