# वह मनुष्य अपनी मंजिल कभी प्राप्त नहीं कर सकता, जो जीवन में कठिनाईयां, समस्याएं और कष्ट देखकर घबरा जाता है, पुरुषार्थ का मैदान छोड़ देता है।*
चेतन कौशल "नूरपुरी"
अपनी मंजिल

# वह मनुष्य अपनी मंजिल कभी प्राप्त नहीं कर सकता, जो जीवन में कठिनाईयां, समस्याएं और कष्ट देखकर घबरा जाता है, पुरुषार्थ का मैदान छोड़ देता है।*
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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